परिपत्र अर्थव्यवस्था
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भारत सरकार देश को चक्रीय अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने के लिए सक्रिय रूप से नीतियां बना रही है और परियोजनाओं को बढ़ावा दे रही है। यह निर्माण उद्योग को सौर और पवन ऊर्जा जैसे वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करने तथा प्लास्टिक और नगरपालिका अपशिष्ट का पुनः उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह सब्सिडी देकर उन कंपनियों को भी सहायता प्रदान करता है जो अपशिष्ट में कमी लाने और पुनः उपयोग में सहायता करती हैं। वर्तमान में पुनर्चक्रण दर केवल 18 प्रतिशत है, जो वैश्विक औसत 35 प्रतिशत से काफी कम है। सरकार का लक्ष्य वैश्विक स्तर तक पहुंचना है और वह अपशिष्ट प्रबंधन के मुद्दों के समाधान के लिए कठोर नीतियां लागू कर रही है।
निर्माण उद्योग निम्नलिखित तरीकों से चक्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान दे सकता है:
- निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट के प्रसंस्करण को सुविधाजनक बनाना
- स्क्रीनिंग, वर्गीकरण, लॉग वॉशिंग आदि द्वारा बायोमाइनिंग।
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